Wednesday 17 July 2013

निद्रा के सामान्य नियम



जिन कमरों में दिन में सूर्य का प्रकाश पहुँचता हो तथा रात्रि में स्वच्छ हवा का आवागमन हो, ऐसे स्थानो पर शयन करना लाभदायक है।

चादर, कम्बल, रजाई आदि से मुँह ढककर सोना हानिकारक है क्योंकि नाक और मुँह से कार्बन डाई ऑक्साइड गैस निकलती है जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाली गैस है।

मुँह ढके रहने पर श्वसन-क्रिया द्वारा यही वायु बार-बार अन्दर जाती रहती है और शुद्ध वायु (आक्सीजन) न मिलने से मनुष्य निश्चय ही रोगी और अल्पायु बन जाता है।

ओढ़ने के कपड़े स्वच्छ, हलके और सादे होने चाहिए। नरम-नरम बिस्तर से इन्द्रियों में चंचलता आती है, अतः ऐसे बिस्तर का प्रयोग न करें।
रात्रि में जिन वस्त्रों को पहनकर सोते हैं, उसका उपयोग बिना धोये न करें। इससे बुद्धि मंद हो जाती है।

अतः ओढ़ने, पहनने के सभी वस्त्र सदा स्वच्छ होने चाहिए। रजाई जैसे मोटे कपड़े यदि धोने लायक न हों तो कड़ी धूप में डालना चाहिए क्योंकि सूर्य के प्रकाश से रोगाणु मर जाते हैं।

No comments:

Post a Comment